तेरी सांवली सूरत में कुछ बात तो है।
मोहब्बत है या नही, कुछ जज़्बात तो है।
तुझे पाने की दौड़ में हैं हम भी शामिल।
जीत न सही इसमे , हमारी मात तो है।
पड़ती नहीं हम पर , तेरी नज़र-ए-इनायत ।
दिल में मगर , आरजू-ए-मुलाकात तो है।
मेरी दीवानगी पर इतनी हैरत क्यू ।
तेरी इबादत में सारी कायनात तो है ।
नही है हमें , कल की फ़िक्र कोई ।
तेरी यादों की , ये हसीं रात तो है ।